हनुमानजी की आरती: आरती कीजै हनुमान लला कीमंगलवार भगवान हनुमान की पूजा के लिए समर्पित है हिंदू धर्म में, राम के भक्त उन्हें बजरंगबली के नाम बुलाते है। उत्तर भरम में हनुमान जी के नाम से प्रसिद्द है, और वे दक्षिण भारत में अंजनेय के रूप में अधिक प्रसिद्ध हैं।
जाके बल से गिरिवर काँपे रोग दोष जाके निकट न झाँपे ।। अंजनिपुत्र महाबलदायी सन्तन के प्रभु सदा सहाई ।। जय हनुमान ।। जय श्री राम ।।
लाल देह लाली लसे,
हनुमान तुम बिन राम हैं अधूरे
हनुमानजी की आरती: आरती कीजे हनुमान लाला की
गायक: हरिहरन
एल्बम: श्री हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक
संगीतकार: ललित सेन, चंदर
गीत: पारंपरिक
संगीत लेबल: टी-सीरीज़
जाके बल से गिरिवर काँपे रोग दोष जाके निकट न झाँपे ।। अंजनिपुत्र महाबलदायी सन्तन के प्रभु सदा सहाई ।। जय हनुमान ।। जय श्री राम ।।
ॐ। -हनुमानजी की आरती- ॐ।
॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे,
अरु धरि लाल लंगूर।
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर ॥
॥ चौपाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
जाके बल से गिरिवर कांपे
रोग दोष जाके निकट न झांके
अंजनि पुत्र महा बलदाई
सन्तन के प्रभु सदा सहाई
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
दे बीरा रघुनाथ पठाए
लंका जायी सिया सुधि लाए
लंका सो कोट समुद्र सीखाई
जात पवनसुत बार न लाई
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
लंका जारि असुर संहारे
सियारामजी के काज सवारे
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे
आनि संजीवन प्राण उबारे
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
पैठि पाताल तोरि जम कारे
अहिरावण की भुजा उखारे
बाएं भुजा असुरदल मारे
दाहिने भुजा संत जन तारे
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
सुर नर मुनि आरती उतारें
जय जय जय हनुमान उचारें
कंचन थार कपूर लौ छाई
आरती करत अंजनी माई
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
जो हनुमानजी की आरती गावे
बसि बैकुण्ठ परम पद पावे
लंक बिध्वंश किन्ही रघुराई
तुलसी दस स्वामी आरती गाई
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
आरती कीजै हनुमान लला की
...
हनुमान तुम बिन राम हैं अधूरे
करते तुम भक्तों के सपने पूरे
माँ अंजनी के तुम हो राजदुलारे
राम-सीता को लगते सबसे प्यारे.
हनुमानजी की आरती: आरती कीजै हनुमान लला की
हनुमानजी की आरती: आरती कीजे हनुमान लाला की
गायक: हरिहरन
एल्बम: श्री हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक
संगीतकार: ललित सेन, चंदर
गीत: पारंपरिक
संगीत लेबल: टी-सीरीज़