अनूप जलोटा के सबसे प्रसिद्ध भजनों में से एक सुनें "मैया मोरी मुख्य नहीं माखन खायो", सदाबहार भावपूर्ण भजन है क्र्षना,है राधै।सूरदासजी की पँक्तियोँ को अनूप जलोटाजी ने बहुत ही खूबसूरत एसा गाया है कि षृध्धा और भाक्ति दिल से बाहर फूट पडती है।भक्ति सम्राट जलोटाजी साधूवाद के पात्र हैँ। आनन्द रस छलके जब कभी सुर जलोटा जी का बरसे जैसे साक्षात श्री कृष्ण तथा माता यशोदा के दर्शन करा दिए । नैन नीर भर आयो ।
मैया मोरी, Main Nahi Maakhan Khayo Lyrics | Anup Jalota Famous Bhajan |
एल्बम- अनूप जलोटा लाइव कॉन्सर्ट में
गायक- अनूप जलोटा
संगीत- अनूप जलोटा
म्यूजिक लेबल- रेड रिबन
मैया मोरी, Main Nahi Maakhan Khayo Lyrics
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो |
भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहिं पठायो ।
चार पहर बंसीबट भटक्यो, साँझ परे घर आयो ॥
मैं बालक बहिंयन को छोटो, छींको किहि बिधि पायो ।
ग्वाल बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो ॥
तू जननी मन की अति भोरी, इनके कहे पतिआयो ।
जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो ॥
यह लै अपनी लकुटि कमरिया, बहुतहिं नाच नचायो ।
'सूरदास' तब बिहँसि जसोदा, लै उर कंठ लगायो ॥
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